अजब गजब: गिलहरी देखने में जितनी चुलबुली लगती है उतनी ही चुलबुली उसकी ये प्रजाति है, आप भी इसके बारे में जानकर हो जाएंगे हैरान, रंग-बिरंगी पूछों के साथ 20 फुट की लगाती है छलांग

  • बिल्ली जितनी बड़ी गिलहरी के बारे में जानें
  • सुंदर और रंग-बिरंगी पूंछ से लगती है आकर्षक
  • 20 फुट तक लगा लेती है छलांग

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-30 13:07 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गिलहरी तो आपने बहुत सारी देखी होगी। पेड़ों के ऊपर, रास्तों में आते-जाते या गार्डन में, यह बहुत एक्टिव और सुंदर होती हैं। साथ ही सबसे अलग और अनोखी भी होती हैं। गिलहरी ज्यादातर ऊंची जगहों पर रहती हैं। अपनी सुंदरता से सभी को अपने तरफ खींचती हैं। इनकी सुंदरता ऐसी होती है कि लोगों को इसे देखना काफी पसंद आता है। गिलहरियां दूसरे जीवों से एकदम अलग होती हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि गिलहरी बिल्ली के बराबर भी होती है। जो कि 3 फिट लंबी होती है। साथ ही इनकी पूंछ झाड़ीदार और रंग-बिरंगी होती है जो इनको और अट्रैक्टिव बनाती है। इन गिलहरियों को इंडियन जाइंट गिलहरी के नाम से जाना जाता है। साथ ही कुछ लोग इनको मालाबार जाइंट गिलहरी के नाम से भी जानते हैं। आपको इन्हें देखने के लिए कहीं बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि ये भारत के जंगलों में ही देखने को मिल जाएंगी। इनकी पूछ को देख कर ऐसा लगता है जैसे इसे किसी परी ने बनाया हो।

20 फिट की लगाती है छलांग

मालाबार गिलहरी जंगलों में रहती हैं और यह 20 फिट तक छलांग लगाने की क्षमता रखती हैं। मालाबार गिलहरियों को जंगल की कटाई और अपने घर से बेघर होने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इनका सुरक्षित होना बहुत आवश्यक है। मालाबार गिलहरी दुनिया की सबसे बड़ी गिलहरियों में से एक है। ये ज्यादातर पेड़ों पर रहती है और बहुत कम जमीन पर उतरती है। ये खाने में सिर्फ फल, मेवे, फूल और पेड़ की छाल खाती है। ये पेड़ों पर ही पत्तियों से घोंसले बनाती है जो ज्यादातर छतरी की तरह होते हैं। यह गिलहरी अपने-आप को जंगल में ढालने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाती है और यही गुण इसे जंगल में जीवित रहने में मदद करता है। इनके 3 पंजे होते हैं जो बहुत मजबूत होते हैं। उनकी मदद से ये पेड़ों पर आसानी से चढ़ती हैं। साथ ही उनकी रंग-बिरंगी पूंछ उन्हें पेड़ों में चढ़ते समय बैलेंस बनाने में मदद करती है।

नाक होती है बहुत ज्यादा तेज

मालाबार गिलहरियों की नाक बहुत तेज होती है जिससे उन्हें खाना ढूंढने में मदद मिलती है। उनके कान बड़े और तेज होते हैं जिससे वह दूर से आने वाली आवाजों को जल्दी सुन लेती हैं। इन्हें पेड़ों पर रहना पसंद है फिर भी इन्हें तैरना आता है। ये एक-दूसरे से अपने पूंछो और अलग-अलग आवाजों से बातें करती हैं।

अकेले में रहना है पसंद

मालाबार गिलहरियों को अकेले में रहना पसंद होता है। ये अकेले रहने के लिए मेटिंग सीजन को भी छोड़ देती हैं। ये गिलहरियां पेड़ पर धूप सेकने के नाम से जानी जाती हैं। ये अपने अंगो को फैला कर गर्मी को अपने अंदर लेती हैं इनका खुद को संवारने के लिए एक अनोखा तरीका होता है जो अपने पंजो का इस्तेमाल करके अपने आप को साफ करती हैं। उनके रंग उन्हें धूप में घुलने-मिलने में मदद करते हैं जिससे वह शिकारियों से भी बच जाती हैं। ये गिलहरियां करीब 20 साल तक जीवित रहती हैं। 

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